How to control Obesity ( मोटापा कैसे नियंत्रण करें )
Ayurvigyan with Dr.Swastik
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मित्रों आज मैं W.H.O. की रिपोर्ट देख रहा था जिसमें मोटापे के बारे में बहुत कुछ बताया गया था. तो सोचा कि आज इसी विषय पर आपसे चर्चा करी जाए और अपने विचार और अनुभवों को बांटा जाए. मेरे पास अनेक ऐसे रोगी आते हैं जो मोटापे से परेशान हैं और इसके बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जानना चाहते हैं और इससे मुक्ति पाना चाहते हैं. तो उनके जो जो प्रश्न होते हैं और इस दौरान जो चर्चा होती है वह आपकी जानकारी के लिए दी जा रही है.
मोटापा क्या है-
मोटापा सम्पूर्ण विश्व में तेज़ी से फैलती हुई एक ऐसी समस्या है जिसे हर देश में एक न एक परिवार या उसका कोई एक सदस्य पीड़ित है. आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2008 में दुनिया के 9.8 प्रतिशत पुरुष और 13.8 प्रतिशत महिलाएँ मोटापे का शिकार थीं. दुनिया में मोटापे का संबंध आय से रहा है और अधिक आय वाले देशों में मोटापा अधिक बढ़ा है। वास्तव में देखा जाए तो यह एक बीमारी ही नहीं बल्कि हमारे शरीर द्वारा आधुनिकीकरण के कारण भाग दौड़ वाले जीवन में अनाप शनाप खाने के प्रति एक ऐसा सिग्नल दिया जाता है जिसे अगर सही समय पर कंट्रोल नहीं किया जाए तो यह किसी न किसी रूप में भयंकर बीमारियों में परिवर्तित हो सकता है. मोटापे के कारण ही पूरे विश्व में उच्च रक्तचाप यानी हाई बी.पी. , हार्ट की बीमारियों के कारण ऊंची मृत्यु दर हो गयी है.
मोटापे का क्या कारण होता है ?
मोटापे का मुख्य कारण तो हम सभी जानते हैं और वो हैं अधिक खाना. इसके अलावा अगर भोजन की ली गयी मात्रा के अनुसार श्रम नहीं किया जाए तो भी एक्स्ट्रा चर्बी शरीर में इकठ्ठा होने लगती है और शरीर बेडौल हो जाता है. लेकिन आपको ये जानकार आश्चर्य होगा कि केवल अधिक खाना ही इसका एकमात्र कारण नहीं है. मोटापे के कई आंतरिक कारण भी होते हैं जैसे- शरीर की कार्यप्रणाली में असंतुलन, तंत्रिका तंत्र के कुछ विकार, हारमोनों के घटने या बढ़ने की अवस्था. कभी कभी ये भी देखने में आता है कि किसी किसी परिवार में नहीं यह समस्या पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही होती है. वैज्ञानिकों ने पता लगा है कि ऐसा कुछ आनुवांशिक कारणों से भी होता है. अगर माता पिता में से कोई भी मोटापे से ग्रसित नहीं है तो अगली पीढ़ी में इसके होने की संभावना सिर्फ ७% होती है. वहीँ दूसरी और अगर माता पिता में से कोई एक मोटापे से पीड़ित है तो यह संभावना ४० % तक बढ़ जाती है और अगर माता पिता दोनों ही मोटे हैं तो यह संभावना ८०% तक हो जाती है.
मोटापे में शरीर के अन्दर क्या परिवर्तन होता है ?
हाल में हुई रिसर्च से पता चला है कि शरीर में sympathetic नर्वस सिस्टम की क्रियाहीनता से चर्बी की मात्रा बढ़ने लगती है. हमारे शरीर में parasympathetic नर्वस सिस्टम नामक तंत्रिका तंत्र की एक प्रणाली होती है जो शरीर में ऊर्जा के इकठ्ठा होने और उसके खर्च होने पर कण्ट्रोल करता है. अगर इसके अंदर कोई गडबडी हो जाए तो शरीर में ऊर्जा का ज्यादा स्टोर होने लगता है और हम ज़्यादा खाने लगते हैं जिससे कुछ ही दिनों में भयंकर मोटापा हो जाता है.
अपने शरीर को छरहरा कैसे बनाये रखा जाए ?
शरीर को छरहरा बनाने के ७ तरीके- १- पूरे दिन भर में मैंने क्या खाया ये लिखें २- शरीर की ज़रूरत के अनुसार ही खाना खाएं. खाना खाते समय इस बात काध्यान रखें कि पेट पूरी तरह ना भर जाए बल्कि उसमें १०-२०% जगह बची हो. ३- फास्ट फ़ूड जैसे- चाउमीन ,बर्गर , पिज़्ज़ा, हॉट डॉग आदि के सेवन से बचें. ४- खाने के समय खाना छोटे बर्तनों में लेने की आदत डालें. ५- खाने को धीरे धीरे चबा कर खाए. ऐसा माना जाता है कि खाने के हर कौरे को अगर २० बार चबाया जाए तो उसके तत्वों का पूरा फायदा आपको मिल जाता है ; या यों कहिये कि अगर हर कौर को २० बार चबाया जाए तो वह पूरी तरह से आपके मुहं में घुल जाता है. ६- खाने का एक निश्चित समय रखें ७- प्रतिदिन कम से कम ४-५ किलोमीटर तेज़ी से चलने का अभ्यास बनाए रखें.
क्या इसका कोई प्राकृतिक इलाज़ भी है ?
जी हाँ अगर आप दवा नहीं खाना चाहते हैं तो आप ये करें- रिंग फिंगर( अनामिका अंगुली) को मोडकर उसके ऊपरी नाखून वाले भाग को अंगूठे के जड पर प्रेशर डालें और अंगूठा मोडकर अनामिका पर दबाव -हल्का बनाये रखें और बाकी अंगुलियों को अपने सीध में रखें। इस तरह जो मुद्रा बनती है उसे सूर्य मुद्रा कहते हैं। यह मुद्रा शारीरिक मोटापा घटाने में बहुत सहायक होता है। जो लोग मोटापे से परेशान हैं, इस मुद्रा का प्रयोग कर असर देख सकते हैं। मैंने कई मरीजों को ये बताया है और इससे उन्हें फायदा हुआ है.
मोटापा कम करने के लिए क्या क्या खाएं-
भोजन में गेहूं के आटे की चपाती लेना बन्द करके जौ-चने के आटे की रोटी लेना शुरू कर दें। इसका अनुपात है 10 किलो चना व 2 किलो जौ। भोजन मे ज्यादा रेशे वाले पदार्थ शामिल करें। हरी सब्जियों ,फलों में अधिक रेशा होता है। पत्ता गोभी में चर्बी घटाने के गुण होते हैं। इससे शरीर का मेटाबोलिज्म ताकतवर बनता है। चाय में पोदिना डालकर पीने से मोटापा कम होता है। रोजाना कच्चा टमाटर, नमक और प्याज साथ खाने से मोटापा कम होने लगता है।
क्या कोई आयुर्वेदिक औषधि भी है-
बिलकुल हैं ! प्राचीन काल से ही बहुत सी अनमोल औषधियां थीं जिन्हें नित्य प्रयोग मे लाकर शरीर को सुडौल व छरहरा बनाये रखा जाता था. आप भी इनका ध्यान से सेवन करें- पिपली का चूर्ण दो बार शहद में मिलाकर सेवन करने से मोटापा कम होता है | पिपली सेवन के एक घंटे बाद तक कुछ न सेवन करें तो ज्यादा अच्छा है | १ चम्मच शहद आधा चम्मच नींबू का रस गरम जल में मिलाकर लेते रहने से शरीर की अतिरिक्त चर्बी नष्ट होती है। यह दिन में 3 बार लेना चाहिए। पुदीना रस एक चम्मच 2 चम्मच शहद में मिलाकर लेते रहने से मोटापा कम होता है। मोटापा घटाने के लिए सात दिन में एक दिन व्रत जरुर रखें और सिर्फ फलों का ही सेवन करें।
क्या कोई रिसर्च भी ऐसी घरेलू चीजों पर हुई है –
हाँ; ब्रिटेन में हुए एक शोध में सिद्ध हो गया है कि लाल मिर्च शरीर में व्याप्त अवांछित कैलोरी जलाने एवं मोटापा घटाने में मददगार साबित हो सकता है।
क्या कोई आसन भी है जिससे मैं अपना मोटापा कम कर सकूँ-
बिलकुल है ; आप सुबह उठकर शौच से निवृत्त होने के बाद निम्नलिखित आसनों का अभ्यास करें – भुजंगासन, शलभासन, उत्तानपादासन, सर्वागासऩ, हलासन, सूर्य नमस्कार। इनमें शुरू के पाँच आसनों में 2-2 मिनट और सूर्य नमस्कार पांच बार करें तो पांच मिनट यानी कुल 15 मिनट लगेंगे।
तो मित्रों अगर आप या आपका कोई परिचित मोटापे से परेशान है तो इन उपायों से लाभ उठा सकते हैं. इन सभी उपायों से सैकड़ों रोगियों ने लाभ उठा कर हमें बताया है !!
और अगर आपके पास भी कोई ऐसा उपाय है तो उसे बताएं जिससे ज़्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके.
(ये सूचना सिर्फ आपके ज्ञान वर्धन हेतु है. किसी भी गम्भीर रोग से पीड़ित होने पर चिकित्सक के परामर्श के बाद अथवा लेखक के परामर्श के बाद ही कोई दवा लें . यह पोस्ट नवभारत टाइम्स के पाठकों को भी लाभ पहुंचा चुकी है . अन्य मुद्दों तथा सुझावों के लिए लेखक से drswastikjain@hotmail.com पर संपर्क किया जा सकता है )
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