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सर्दी का मौसम: इन उपायों से रहें स्वस्थ

Ayurvigyan with Dr.Swastik
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हल्की-हल्की गुलाबी धूप, सुबह उठते समय और रात में ठण्ड, रास्ते में कोहरा और कान को ढककर रखने को मजबूर करती हुई हवाएं। जी हां मित्रों, यही है भारत में शरद ऋतु के आगमन के संकेत। वैसे तो इस वर्ष ठण्ड थोड़ी देर से ही आ रही है लेकिन फिर भी कुछ लोगों में इसके लक्षण दिखने लगे हैं। इसलिए आज सोचा कि क्यों न इस मनोहर वातावरण पर अपने अनुभव के आधार पर कुछ ऐसा लिखा जाए कि जिससे सुबह सुबह चाय पीते हुए हम सब लाभान्वित हो सकें। आइये बात करते हैं सर्दी लगने के बारे में:

मुख्य कारण-

1.अधिक ठन्डे भोज्य पदार्थों का सेवन।

2.पैरों में बिना जूते पहन के घूमना।

3.कुछ गरम खाने के तुरंत बाद ही कुछ ठंडा खा लेना।

4.वायरल इन्फेक्शन।

5.सर्दी से ग्रसित अन्य व्यक्तियों के संपर्क में रहना।

6.आसपास की किसी वस्तु से ऐलर्जी हो जाना।

7.आहार विहार में लापरवाही।

8.बहुत अधिक थकान।

लक्षण-

1.गले में घरघराहट

2.नाक बंद हो जाना

3.सर दर्द होना

4.चिडचिड़ाहट होना

5.हल्का हल्का बुखार होना

6.आवाज़ में घरघराहट

7.छींकना

8.स्वाद और सुगंध की अनुभूति कम होना

बचाव-

1.सामान्य रूप से लोग सर्दी होने पर ऐंटीबायॉटिक्स का प्रयोग करते हैं; लेकिन बिना किसी उचित सलाह के इसे लेना जानलेवा भी साबित हो सकता है।

2.यहाँ यह भी जान लेना आवश्यक है कि ऐंटीबायॉटिक्स बैक्टीरिया के विरुद्ध कार्य करते हैं न कि वायरस और अलर्जी के विरुद्ध।इसलिए, सामान्य सर्दी ज़ुखाम जो कि वायरस या अलर्जी के कारण हो रहे हैं, उनमें ये दवाएं लेने का कोई लाभ नहीं होता है।

4.सामान्य रूप में इस रोग से बचाव के उपाय ही इसका उचित इलाज है।

5.जिन लोगों को सर्दी है, उनसे उचित दूरी बनाकर रखें; ख़ास तौर पर तब जब वे खांसें या छींके।

6.सही समय पर संतुलित भोजन करें।

7.ठंडा व बासा भोजन न करें।

8.भोजन व पेय पदार्थों में सोंठ और काली मिर्च का प्रयोग अवश्य करें।

9.छींकते व खांसते समय मुंह व नाक को ढककर रखें।

10.भोज्य पदार्थों को ढककर रखें।

11.पर्याप्त मात्रा में यदि मन न हो तब भी पानी अवश्य पियें।

12.आराम अवश्य करें क्योंकि इससे ऊर्जा का संग्रहण होता है।

13.भोजन में विटामिन सी युक्त पदार्थ जैसे नींबू का प्रयोग करें।

14.यदि सर्दी के लक्षण 3 दिन से ज्यादा रहे तो चिकित्सक से परामर्श करें।

15.Vaporizer और nasal decongestant से थोड़ी देर के लिए नाक तो खुल जाती है लेकिन ये इसका पक्का इलाज नहीं है।

16.यदि छाती में दर्द हो, लगातार खांसी आए, कान में दर्द हो या बलगम भूरा या लाल रंग का आता हो तो डॉक्टर से परामर्श करें।

17.अगर आप asthma, bronchitis या emphysema से पीड़ित हैं तो कुछ भी उपाय करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

18.अगर कोई छोटा बच्चा सर्दी से पीड़ित है तो उसे aspirin न दें।

सर्दी के मौसम में विशिष्ट समस्याएं और उनका समाधान-

हमारे पास सामान्य सर्दी के अलावा कुछ ऐसे भी रोगी आते हैं जो किन्ही पुरानी बीमारियों से पीड़ित हैं और उनके जो मुख्य प्रश्न होते हैं उनका समाधान हम इस प्रकार से करते हैं-

1.समस्या-

मुझे हृदय रोग है, ठण्ड के मौसम में मुझे किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

समाधान-

सर्दी में तापमान कम होने के कारण शरीर की नसें सिकुड़ने लगती हैं जिससे हृदय रोगियों को हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। नसें सिकुड़ने से ब्लड सर्कुलेशन में होने वाले बोझ का भार सीधा हार्ट पर पड़ता है जिस कारण अटैक की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे रोगियों को हम सलाह देते हैं कि आप डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवा और चेतावनियों का पालन करें। खाने पीने में तेल, घी, नमक बहुत ही कम हो। बीड़ी, सिगरेट आदि नशा न करें। तली-भुनी चीजें न खाएं। कार्डियोलोजिस्ट द्वारा निर्धारित व्यायाम करें। सर्दी के बचाव उपाय करने के बाद ही ठंड में निकलें। ठंडे पानी के स्थान पर गुनगुने पानी का उपयोग करें और इसी से नहाएं।

2.समस्या-

मुझे ब्रेन हेमरेज हो चुका है, अब ऐसे ठन्डे मौसम में मुझे सुरक्षित रहने के लिए क्या क्या उपाय करने चाहिए?

समाधान-

ठंड के मौसम में खाने पीने का मन अधिक करता है जिससे हम तली-भुनी व चटपटी चीजें खाने लगते हैं। शरीर  में भारीपन आ जाता है और खूब सोने का मन करता है। यही सब मिलकर रक्तचाप को बढाते है। इसकी अधिकता से ब्रेन हेमरेज होता है। मस्तिष्क की नसें या तो फट जाती हैं या खून जम जाता है। रोगियों को तेल, घी, नमक, चीनी , धूम्रपान अत्यन्त कम कर देना चाहिए । भोजन सीमित, सुपाच्य व गर्म हो। यथोचित श्रम व व्यायाम करें। क्रोध व तनाव से बचें।

3.समस्या-

मुझे आर्थराइटिस है, ठण्ड में दर्द व जकड़ से बचने के लिए क्या करना चाहिए ?

समाधान-

ठंड में तापमान गिरने पर मांसपेशियों में जकड़न होती है एवं जोड़ों में दर्द बढता है। कुछ लोगों में जोड़ों में सूजन आ जाती है। यह जकड़न सभी को हो सकती है किन्तु बुजुर्गों को इस मौसम में अधिक परेशानी होती है। बच्चे खेलते रहते हैं एवं बड़े काम करते हैं इसलिए उनको यह पीड़ा कम होती है। व्यायाम, धूप सेवन, मालिश, गुनगुने पानी से नहाने या जोड़ों की गर्म पानी से सिकाई करने पर यह परेशानी कम हो जाती है। ऐसे मौसम में भारी भोजन करने से बचें।

4.समस्या-

मुझे अवसाद / डिप्रेशन की समस्या है , सर्द मौसम में मुझे किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

समाधान –

ठंड में अधिक ऊर्जा वाला भारी भोजन करने एवं हार्मोन के असंतुलन के कारण कुछ लोगों को डिप्रेशन से जूझना पड़ता है। मन बुझा-बुझा सा व शरीर सुस्त हो जाता है, इससे बचने के लिए हल्का भोजन करें। फल, सब्जी, सलाद, सूखे मेवों का सेवन करें। प्रसन्न एवं सक्रिय बने रहें।

5.समस्या-

मेरी त्वचा ठण्ड में रूखी होकर फटने लगती है, इससे बचने के कुछ उपाय बताएं।

समाधान-

अधिक गर्म पानी से नहाने एवं शरीर में पानी की कमी से ठण्ड में त्वचा अधिक रूखी होकर फटती है। इससे बचने  के लिए गुनगुने पानी से नहाएं। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। नहाने के बाद शरीर पर नमी वाली क्रीम अथवा aloe vera का gel लगायें। रात को होठों पर लिप बाम लगायें। उपयुक्त गर्म कपड़े पहनें। सर्द हवा से बचें।

6.समस्या-

मैं अस्थमा से पीड़ित हूं, ठण्ड में ये परेशानी अधिक न हो उसके लिए मुझे क्या करना चाहिए ?

समाधान-

सांस के रोगी ठंड एवं धुंध में बाहर जाने से बचें। दमे के दौरे से बचने हेतु इनहेलर का उपयोग करें। ताजा गर्म एवं हल्का भोजन करें। ठंडी व खट्टी चीजों से बचें। थोडा व्यायाम प्रतिदिन अवश्य करें।

7.समस्या-

मुझे डायबिटीज़ है; क्या ठण्ड के मौसम में मुझे कुछ विशिष्ट सावधानियां रखनी चाहिए?

समाधान-

ठण्ड में सब लोग अधिक भोजन करते हैं। भोजन पचता भी जल्द है इसलिए लोग डटकर खाते हैं। इससे रक्त में शुगर का लेवल बढ़ता है। इसलिए मधुमेह के मरीज अनुशासित मात्रा में खाएं। व्यायाम ज़रूर करें और निर्धारित दवा का सेवन करें।

8.समस्या-

मुझे high blood pressure है, ठण्ड के मौसम में मुझे क्या सावधानियां रखनी चाहिए?

समाधान-

व्यायाम न करने एवं डटकर खाने से बी.पी. बढ़ जाता है। बी.पी. का बढ़ना हृदय के खतरों को बढ़ाता है। अतएव वसा की अधिकता वाली तली-भुनी एवं भारी चीजें न खाएं। व्यायाम करें। गुनगुने पानी से नहाएं। डॉक्टर द्वारा निर्धारित एवं बताए हुए निर्देशों का पालन करें।

9.समस्या-

मेरा वजन काफी अधिक है और जाड़े में भूख भी अधिक लगती है; ऐसे में मोटापे से बचने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?

समाधान-

खानपान की अधिकता के कारण इस मौसम में वजन एवं मोटापा बढ़ता है। इससे बचने के लिए सीमित मात्रा में खाएं। खाना ज़्यादा देर तक चबा कर ही निगलें। ऐसा करने से आपको भूख कम लगेगी। हर रोज़ व्यायाम अवश्य करें, रोज 3-4 किलोमीटर चलें व तनावमुक्त  रहें।

तो मित्रों, ध्यान रहे किसी भी मौसम का मज़ा तभी लिया जा सकता है जब अपना शरीर स्वस्थ हो। इसलिए, सावधानियां रखें और शरद ऋतु का भरपूर आनंद उठाएं। यह चर्चा अगले अंक में भी जारी रहेगी। अगले अंक में हम घर में उपलब्ध प्राकृतिक और आसानी से उपलब्ध हर्बल औषधियों द्वारा किस तरह से ठण्ड से उत्पन्न समस्याओं से राहत पा सकते हैं, इस पर चर्चा करेंगे।

जनहित में यह जानकारी शेयर करें:

सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः ।

सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत् ॥

आपका अपना

डॉ.स्वास्तिक

चिकित्सा अधिकारी

(आयुष विभाग, उत्तराखंड शासन)

(ये सूचना सिर्फ आपके ज्ञान वर्धन हेतु है. किसी भी गम्भीर रोग से पीड़ित होने पर चिकित्सक के परामर्श के बाद अथवालेखक के परामर्शके बाद ही कोई दवा लें.पब्लिक हेल्थ के अन्य मुद्दों तथा जनहित के लिए सुझावोंके लिएलेखक सेdrswastikjain@hotmail.com पर संपर्क किया जा सकता है.)

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